एक टुकड़ा धूप Ek Tukda Dhoop – Thappad
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Ek Tukda Dhoop Lyrics in Hindi
टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है
एक धागे में है उलझे यूँ
के बुनते बुनते खुल गए
हम थे लिखे दीवार पे
बारिश हुई और धूल गए
टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है
सोचों ज़रा क्या थे हम हाय
क्या से क्या हो गए
हिजर वाली रातों की हाय
कब्रो में सो गए
हो तुम हमारे जितने थे
सच कहो क्या उतने थे
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जाने दो मत कहो कितने थे
टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है
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