अपनी आज़ादी को हम Apni Azadi Ko Hum Lyrics in Hindi – Md. Rafi
Apni Azadi Ko Hum Lyrics in Hindi
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
हमने ये नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
अहले वफ़ा के सामने
जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे
हम रुख़ बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन
जो कोई गद्दार-ए-वतन
अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
बंदे मातरम.. बंदे मातरम..
बंदे मातरम.. बंदे मातरम..
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