कहीं दूर KAHIN DOOR Lyrics – Sung by Sanam Puri
Kahin Door Lyrics in Hindi
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके ये आये
मेरे ख्यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाये
दीप जलाये
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके ये आये
कभी यूँही जब हुयी बोझल सांसें
भर आई बैठे बैठे
जब यूँही आँखें
कभी यूँही जब हुयी बोझल सांसें
भर आई बैठे बैठे
जब यूँही आँखें
तभी मचल के
प्यार से चल के
छुए कोई मुझे पर
नज़र ना आये, नज़र ना आये
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके ये आये..
कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते
कहीं से निकल आये जन्मों के नाते
कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते
कहीं से निकल आये जन्मों के नाते
है मीठी उलझन
बैरी अपना मन
अपना ही होक सहे
दर्द पराये, दर्द पराये
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके ये आये
मेरे ख्यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाये
दीप जलाये
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके ये आये
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