घूर घूर के Ghoor Ghoor Ke – ETKS | Sona Mohapatra

Ghoor Ghoor Ke Hindi Lyrics

यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के

जब मेरी शरण में आता है
एक प्रेम का दीप जलाता है
फिर तुझको कुछ ना भाता है
तू बस मेरा हो जाता है

नहीं प्रेम से बढ़कर, राजपाठ
सिंहहसन और ये लोकलाज
ढोल लगते सुहाने हैं दूर दूर के

यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के

कोई मढ़ इतना भी मदिर नहीं
जितनी मेरी अंगड़ाई है
हर रूप मेरा तुझको पुलकित
मेरा रोम-रोम पुरवाई है

तू प्रेम नगर का वासी
मैं प्रेम नगर की रानी
हाय मैंने पूरे पकाए हैं पुर पुर के

यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के
यूँ ना देखो साँवरिया घूर घूर के

मोरे नैन कमले कोमल चंचल
मेरी चित्तबन घटा निराली है

SHARE ON