रुआं रुआं Ruan Ruan Lyrics in Hindi – Sonchiriya

Ruan Ruan Lyrics in Hindi

पंछी चला उस देश को
है जहाँ रातों में सुबह घुली
पंछी चला परदेस को
के जहाँ वक़्त की गाँठ खुली

रुआं रुआं रौशन हुआ
धुआं धुआं जो तन हुआ
रुआं रुआं रौशन हुआ
धुआं धुआं जो तन हुआ

हाँ नूर को ऐसे चखा
मीठा कुआं ये मन हुआ
रुआं रुआं रौशन हुआ
धुआं धुआं जो तंग हुआ

हम्म..

गहरी नदी में डूब के
आखरी सांस का मोती मिला
सदियों से था ठहरा हुआ
हाँ गुजर ही गया वो काफिला

पर्दा गिरा मेला उठा
खाली कोई बर्तन हुआ
माटी का ये मैला घड़ा
टुटा तो फिर कंचन हुआ

रुआं रुआं रौशन हुआ
धुआं धुआं जो तन हुआ
रुआं रुआं रौशन हुआ
धुआं धुआं जो तन हुआ

हाँ नूर को ऐसे चखा
मीठा कुआं ये मन हुआ

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